इस बार के चुनाव में हिंसा की वजह से पश्चिम बंगाल सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा। भाजपा ने यहां काफी तगड़ा दांव खेला था। रामनवमी पर शोभायात्रा से लेकर रोड शो तक भाजपा द्वारा जमकर हिन्दुत्व का कार्ड खेला। पूरा चुनाव हिन्दुत्व के मुद्दे पर ही केंद्रित रहा। कभी जय श्री राम के नारे तो कभी मां दुर्गा की पूजा को चुनावी मुद्दा बनाया गया, जिसका नतीजा दीदी के किले में भाजपा की एन्ट्री के रूप में निकल रहा है। ऐजेंसियों के द्वारा किये गये सर्वे के अनुसार ज्यादातर एग्जिट पोल में भाजपा, टीएमसी और कांग्रेस पार्टी के बीच भयानक टक्कर बताई जा रही है।
एजेंसियों ने किस तरह दिखाई है तीनों पार्टी में टक्कर- देखिये !
इंडिया टुडे- एक्सिस माई इंडिया टाइम्स नाउ- वीएमआर
भाजपा- 19 से 23 भाजपा- 11
तृणमूल कांग्रेस- 19 से 22 कांग्रेस-2
कांग्रेस-1 तृणमूल कांग्रेस-29
एबीपी- नेल्सन इंडिया टीवी- सीएनएक्स
भाजपा- 16 भाजपा-12
कांग्रेस-2 कांग्रेस-1
तृणमूल कांग्रेस-24 तृणमूल कांग्रेस-29
न्यूज एक्स- नेता रिपब्लिक टीवी-जन की बात
भाजपा-11 भाजपा-18 से 26
कांग्रेस-2 तृणमूल कांग्रेस-13 से 21
तृणमूल कांग्रेस-29 अन्य (सीपीएम)-3
रिपब्लिक टीवी- सी वोटर न्यूज-24- चाणक्य
भाजपा-11 भाजपा-18
कांग्रेस-1 कांग्रेस-1
तृणमूल कांग्रेस-19 से 22 तृणमूल कांग्रेस-23
अब ये भी जानिये कि सभी सर्वे का औसत कितना होता है?
भाजपा-13
तृणमूल कांग्रेस-26
अन्य 3-4
पश्चिम बंगाल में भाजपा के इतनी तेजी से बढ़ने का क्या है राज जानिये-
कोलकाता एक दौर में देश की औद्योगिक राजधानी के नाम से जाना जाता था। वक्त के साथ धीरे-धीरे कलकत्ता अपनी पहचान खोता गया, और कलकत्ता की जगह गुजरात विकास पथ पर बहुत तेजी से बढ़ने लगा। मोदी राज में गुजरात को देश में विकास मॉडल के रूप में पेश किया जाने लगा। इसी कारण से टाटा ने अपनी नैनो फैक्ट्री को पश्चिम बंगाल से शिफ्ट करने की बात की और गुजरात को चुना। बीजेपी ने गुजरात के विकास मॉडल को लेकर 2014 का लोकसभा चुनाव फतह किया था। अब पश्चिम बंगाल में मोदी के विकास मॉडल को लेकर भाजपा अपनी जड़ें जमाने में लगी है। इसी के साथ त्रिपुरा की सियासी जंग फतह करने के बाद बीजेपी की नजर पश्चिम बंगाल पर है। अमित शाह बीजेपी अध्यक्ष की कमान अपने हाथों में लेने के बाद से लगातार बंगाल का दौरा करते रहे और साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कई तोहफों से राज्य को नवाजा। आसनसोल में आधुनिक इस्पात प्लांट, कोलकाता और बांग्लादेश के खुलना के बीच चलने वाली बंधन एक्सप्रेस ट्रेन भी शुरू की थी। यही कारण है कि दीदी की कुर्सी अब डगमगाने लगी है।