सरकार ने शिक्षकों के लिए एक और नया फरमान जारी किया है। उत्तराखंड में अब सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को बायोमेट्रिक के साथ- साथ मोबाइल फोन के ऐप से भी हाजिरी लगानी पड़ेगी। सरकार का कहना है कि जल्द ही यह व्यवस्था लागू हो सकती है। इसके तहत सारे शिक्षक एक उज्ज्वल नामक ऐप के जरिये अपनी सेल्फी लेंगे और इसे उत्तराखंड के एजूकेशनल पोर्टल पर अपलोड करेंगे। इस ऐप के जरिये शिक्षकों के मोबाइल की सहायता से ट्रैकिंग भी की जा सकेगी। वह अगर गलत लोकेशन पकडे़ जाएंगे तो फिर होगा असली कमाल। यह ऐप शिक्षक की सही लोकेशन को तुरन्त ही पोर्टल पर अपलोड कर देगा। इस ऐप के इस्तेमाल के संबंध में पहले एक बार सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
उज्ज्वल नाम का यह ऐप एजूकेशन पोर्टल से हर समय कनेक्ट रहेगा। यह ऐप शिक्षा विभाग के खंड शिक्षाधिकारी बृजपाल सिंह राठौर ने तैयार किया है। मंगलवार को इस एप का डेमो विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के समक्ष दिया गया। इस ऐप का दो दिवसीय प्रशिक्षण बुधवार और बृहस्पतिवार को रखा गया है। इसके बाद अफसरों को जिलों और ब्लाकों के शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए भेजा जाएगा। शिक्षकों के प्रशिक्षण लेने के तुरन्त बाद इस पर हाजिरी लगनी शुरू हो जाएगी। विद्यालयी शिक्षा मंत्री पांडेय ने बताया कि रियल टाइम हाजिरी लगाने के नियम का अच्छे से पालन कराया जाएगा। मोबाइल ऐप से हाजिरी लगाने की विधि में शिक्षक अपने फोन से सेल्फी लेगा और इसे सॉफ्टवेयर के माध्यम से पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाएगा। इससे शिक्षक की उपस्थिति दर्ज हो जाएगी। इसके साथ ही शिक्षक की लोकेशन भी मिलती रहेगी। इससे किसी तरह की गड़बड़ी नहीं की जा सकेगी।
यदि किसी अधिकारी के फोन करने पर अगर कोई शिक्षक गलत जानकारी देता है तो लोकेशन के संबंध में सॉफ्टवेयर तुरन्त मैसेज भेज देगा। जो भी शिक्षक एवं शिक्षिकाएं स्कूल में नहीं रहते हैं या फिर बायोमैट्रिक हाजिरी लगाकर चले जाते हैं उनकी पूरी जानकारी इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से पता लग जाएगी। उन्होंने कहा कि इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। शिक्षक अपना ज्यादातर समय बच्चों के पठन-पाठन में लगाएंगे। और बच्चों के भविष्य में भी सुधार आएगा।